हर इंसान चाहता है कि उसकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहे और उस पर अच्छा ब्याज भी मिले। आज के समय में जब खर्चे तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी एक भरोसेमंद निवेश माना जाता है। इसी को देखते हुए एचडीएफसी बैंक ने अपनी नई एफडी योजना में बदलाव किया है। अब ग्राहकों को अपनी राशि पर पहले से थोड़ा अलग ब्याज दरें मिलेंगी। आइए जानते हैं कि एचडीएफसी बैंक की नई एफडी स्कीम में क्या बदलाव हुए हैं और इसका असर आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा।
एचडीएफसी बैंक ने एफडी की ब्याज दरों में किया बदलाव
एचडीएफसी बैंक ने हाल ही में अपने फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में संशोधन किया है। अब आम ग्राहकों को 3 प्रतिशत से लेकर 7.05 प्रतिशत तक ब्याज मिलेगा। वहीं वरिष्ठ नागरिकों को थोड़ी राहत देते हुए बैंक ने उन्हें 3.50 प्रतिशत से 7.55 प्रतिशत तक ब्याज देने की घोषणा की है। ये नई दरें केवल उन्हीं एफडी पर लागू होंगी जिनकी राशि 3 करोड़ रुपए से कम होगी यह फैसला उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो सुरक्षित निवेश पसंद करते हैं और रिस्क से दूर रहना चाहते हैं। बैंक के अनुसार ब्याज दरों में यह बदलाव आरबीआई की मौद्रिक नीति और बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किया गया है।
हर महीने कितना मुनाफा होगा
अगर कोई व्यक्ति इस नई स्कीम में 5 लाख रुपए निवेश करता है तो उसे करीब 10859 रुपए हर महीने ब्याज के रूप में मिल सकते हैं। हालांकि यह राशि एफडी की अवधि और ब्याज दर पर निर्भर करेगी। एचडीएफसी बैंक की इस स्कीम का फायदा उन लोगों को ज्यादा होगा जो रेगुलर इनकम चाहते हैं और अपनी रकम को लंबे समय के लिए सुरक्षित रखना पसंद करते हैं।
अन्य बैंकों की तुलना में क्या है स्थिति
पिछले कुछ महीनों में कई बड़े बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में बदलाव किया है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी एसबीआई में 1 साल की एफडी पर अब 6.70 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। वहीं बैंक ऑफ इंडिया में यह दर 7.05 प्रतिशत है। इन बदलावों की एक बड़ी वजह आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती बताई जा रही है। इससे बैंकों को सस्ता फंड मिलता है और वे ब्याज दरों को घटा देते हैं।
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
अगर आप एफडी में निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ बातें जरूर ध्यान रखें।
पहली बात यह कि अपनी पूरी रकम एक ही एफडी में न लगाएं।
अलग-अलग अवधि की कई एफडी बनाना समझदारी है क्योंकि जरूरत पड़ने पर एक एफडी तोड़ सकते हैं और बाकी चलती रहेंगी
दूसरी बात यह कि समय से पहले एफडी तोड़ने पर बैंक पेनल्टी वसूलते हैं जो लगभग 1 प्रतिशत तक होती है। इससे आपके ब्याज पर असर पड़ता है।
तीसरी और सबसे जरूरी बात यह कि 5 साल की टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है।
यह विकल्प टैक्स प्लानिंग के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।