आपलोग भी रोज ऑफिस जाने या घूमने फिरने के लिए ओला और उबर का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। खबरें आ रही हैं कि कई शहरों में ओला और उबर की सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इससे उन लोगों को काफी परेशानी हो रही है जो रोज इन कैब पर निर्भर रहते हैं। अचानक इस फैसले से लोग हैरान भी हैं और नाराज भी हैं।
ड्राइवरों ने क्यों किया विरोध
ओला और उबर के ड्राइवर लंबे समय से कंपनी से नाराज चल रहे थे। उनका कहना है कि उन्हें सही किराया नहीं मिलता और कंपनी अपनी मनमानी करती है। कई ड्राइवरों ने बताया कि हर दिन का खर्च निकालना मुश्किल हो गया है और पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद भी कंपनी ने किराए नहीं बढ़ाए हैं। इसी के चलते ड्राइवरों ने मिलकर काम बंद करने का फैसला किया है। उनका कहना है कि जब तक उनकी बात नहीं सुनी जाएगी तब तक वे गाड़ियां नहीं चलाएंगे।
यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानी
कैब बंद होने से आम यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। कई लोगों को बीच रास्ते में गाड़ी रुकवा दी गई और उन्हें जबरन नीचे उतरना पड़ा। कुछ यात्रियों ने बताया कि उन्हें दफ्तर और स्टेशन जाने में काफी देर हो गई क्योंकि दूसरी गाड़ियां भी नहीं मिल रही थीं। लोगों का कहना है कि अचानक बंदी से उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ा है।
सरकार और परिवहन विभाग की भूमिका
परिवहन विभाग की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक सरकार इस पूरे मामले को लेकर ड्राइवर यूनियन और कंपनी के बीच बातचीत करवाने की कोशिश कर रही है। कुछ जगहों पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाने की चेतावनी भी दी है ताकि लोगों की परेशानी कम की जा सके।
ड्राइवरों की मांग क्या है।
• ड्राइवरों का कहना है कि उन्हें उचित किराया मिलना चाहिए और कंपनी को उनके हितों की रक्षा करनी चाहिए।
• हर राइड पर मिलने वाला कमीशन कम किया जाए।
• पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत के हिसाब से किराया तय किया जाए।
• गाड़ी चलाने के घंटे और सुरक्षा नियमों में सुधार किया जाए।
• इन मांगों को लेकर ड्राइवरों ने कई जगह प्रदर्शन भी किया है।