हर महीने की तरह इस बार भी लोग सुबह उठते ही एक नजर पेट्रोल पंप की तरफ डालते हैं कि कहीं आज दाम बढ़ तो नहीं गए। लेकिन राहत की बात यह है कि अक्टूबर 2025 के आखिरी हफ्ते तक देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखा गया है। पिछले कई महीनों से रेट लगभग स्थिर बने हुए हैं, जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिली है।
देशभर में पेट्रोल और डीजल के ताजा रेट
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर राज्य में अलग होती हैं क्योंकि टैक्स और परिवहन शुल्क अलग-अलग हैं। आज यानी 21 अक्टूबर 2025 को दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल ₹87.97 प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर और डीजल ₹90.03 प्रति लीटर मिल रहा है। वहीं चेन्नई में पेट्रोल ₹100.91 और डीजल लगभग ₹92 प्रति लीटर के आसपास है। अगर बात करें कोलकाता की तो यहां पेट्रोल ₹105.41 और डीजल ₹89.80 प्रति लीटर है।
कीमतों में स्थिरता की वजह क्या है
कई लोगों के मन में सवाल है कि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटते और बढ़ते रहते हैं, तो भारत में कीमतें क्यों नहीं बदलतीं। असल में पेट्रोल और डीजल की कीमत तय करने में सिर्फ क्रूड ऑयल नहीं बल्कि टैक्स और रुपये की वैल्यू भी बड़ी भूमिका निभाती है। सरकार ने पिछले दस महीनों से टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है, इसलिए दरें स्थिर बनी हुई हैं। हालांकि आने वाले महीनों में त्योहारों के सीजन और अंतरराष्ट्रीय तेल व्यापार में हलचल के चलते कीमतों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है।
किस शहर में सबसे महंगा और सबसे सस्ता हैं पेट्रोल
अगर बात करें सबसे महंगे पेट्रोल की तो तेलंगाना और केरल जैसे राज्यों में दाम ₹107 प्रति लीटर के करीब हैं। वहीं अंडमान निकोबार जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल सबसे सस्ता है जहां रेट ₹82.46 प्रति लीटर तक है। यह अंतर मुख्य रूप से राज्यों के टैक्स और ट्रांसपोर्ट कॉस्ट की वजह से होता है। मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद जैसे महानगरों में दाम हमेशा ऊंचे रहते हैं क्योंकि यहां पेट्रोल की खपत ज्यादा है।
आगे क्या हो सकता है कीमतों में बदलाव
विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तो रेट स्थिर हैं लेकिन नवंबर या दिसंबर में बदलाव देखने को मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमतें 61 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रही हैं, अगर यह बढ़ती हैं तो भारत में भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। दूसरी ओर सरकार आम जनता पर बोझ न पड़े इसके लिए टैक्स में राहत दे सकती है। हालांकि फिलहाल लोगों के लिए यह राहत भरा समय है क्योंकि लम्बे समय बाद तेल की कीमतों ने स्थिरता दिखाई है।